Monday, January 28, 2013

                                          लघुकथा -अनाथ    
                                        घर के सब लोग उसे छोड़ कर पार्टी में गए थे।आठ  साल के नन्हे आदित्य की समझ में नहीं आ  रहा था कि  वह क्या करे?रोते रोते वह बिना कुछ खाए सो गया .
                                   मम्मी -पापा के कार एक्सीडेंट में गुजर जाने के बाद दो साल पहले वह अनाथालय से इस घर में आया था।शुरू में सब उसे प्यार करते थे ।मगर एक साल पहले प्रसून के जन्म के बाद सबका व्यवहार उसके लिए बदल गया .
                                  दादा जी प्यार से कहते ,"बेटा ,जरा मेरे पाँव दबा दे," दादी कहती "जरा 'सर में तेल मालिश कर दे तो,बड़ा दुःख रहा है",मम्मी कहती,"जरा दौड़ के बाजार से सब्जी तो ले आ ".पापा कहते ,"जरा मेरी कार तो साफ़ कर दे" .नन्हे प्रसून का सारा काम वह भाग भाग के करता रहता।कई बार कुछ गलती हो जाने पर मम्मी उसे बुरी तरह झिड़क देती।सारे  कामों के बाद वह जब पढने बैठता तो थकान  के कारण  उसे नींद आने लगती।इन सबके बावजूद कच्चे मन का आदित्य सबको अपना समझता रहा।
                                आज प्रसून का पहला जन्म दिन था .नन्हे भाई के बर्थ -डे पर आदित्य बहुत खुश था .बीस दिन पहले से कल्पनाएँ करता रहा की पार्टी में खूब मजे करेगा,केक खायेगाभई को मिली गिफ्ट से खेलेगा ,गुब्बारे फुलायेगा
                               पार्टी बड़े महंगे रेस्टुरेंट में थी .शाम को .मम्मी ने आदित्य से एक गिलास पानी लेन के लिए कहा।पानी लेकर वह कमरे में घुस ही रहा था कि उसके कानो में मम्मी और मौसी की बातों  की आवाज पड़ी।मौसी कह रही थी ,इतना बड़ा घर सूना रह जायेगा ,आदित्य को यहीं छोड़ दे .तो मम्मी ने कहा ,"हाँ ,इतने बड़े बड़े लोग आएंगे पार्टी में,घर के नौकर को साथ क्या ले जाना?"
आदित्य जैसे असमान से गिरा .
पानी लेकर वह अन्दर गया तो मम्मी ने उससे कहा,बेटा  आदित्य तू घर पर ही रह ,घर सूना रह जायेगा न,हम तेरे लिए पिज्जा पैक करा कर  ले आएंगे।"
वह चुपचाप उनका मुह देखता रहा।मगर उनके जाने के बाद वह बहुत देर तक रोता रहा ....उपेक्षा और अपमान से वह जल रहा था .जिनको वह दादा दादी और मम्मी पापा समझता रहा .वे उसे नौकर से ज्यादा कुछ नहीं समझते।थोड़ी देर बाद वह उठा ...स्लीपर पैर में डाले,बाहर  के दरवाजे पर कुण्डी लगायी और बिना कुछ लिए अनाथालय की और चल पड़ा .
                                

9 comments:

  1. आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 06/02/2013 को
    मंजू बहन
    निवेदन...कृपया वर्ड व्हेरिफिकेशन का आप्शन हटा देवें
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

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  2. This comment has been removed by the author.

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  3. धन्यवाद यशोदा जी ,कृपया बताएं कि word verification कैसे हटाना है?मंजुश्री

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  4. मन को छूती कहानी...पीड़ा महसूस हुर्इ

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  5. बहुत मार्मिक ....

    कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...

    वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
    डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .

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  6. बेहद मार्मिक और संवेदनशील दिल को छू गयी।

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