वर्तमान घटनाक्रम पर प्रस्तुत हैं कुछ हाइकु।
1. हीरे सी लगे
ग्लैमर की दुनिया
कांच ही कांच
2 दौड़ते लोग
उपभोक्तावाद में
मज़िल नहीं
3 काले चेहरे
सफेदपोश लोग
टूटते रिश्ते
4 पैसों की भूख
रिश्ते बने मजाक
हुआ व्यापार
5 कलयुगी माँ
बेटी बनी दुश्मन
पैसा ही दोस्त
6 खुली परतें
चेहरा बेनकाब
झूठ ही झूठ
मंजुश्री
1. हीरे सी लगे
ग्लैमर की दुनिया
कांच ही कांच
2 दौड़ते लोग
उपभोक्तावाद में
मज़िल नहीं
3 काले चेहरे
सफेदपोश लोग
टूटते रिश्ते
4 पैसों की भूख
रिश्ते बने मजाक
हुआ व्यापार
5 कलयुगी माँ
बेटी बनी दुश्मन
पैसा ही दोस्त
6 खुली परतें
चेहरा बेनकाब
झूठ ही झूठ
मंजुश्री
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार 03 सितम्बर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteहार्दिक आभार यशोदा जी। मैं जरूर आउंगी
Deleteकटु यथार्थ ! क्या पैसा ही सब कुछ रह गया है आज की दुनिया में ? अमानवीय प्रसंग !
ReplyDelete