प्रथम नियुक्ति पत्र मिलने पर
मैंने बेटे को गोद में उठा कर
उसका माथा चूमना चाहा
जैसा मैं हर बार उसके
प्रथम आने पर करती थी
मगर ये क्या?
उसने मुझे ही गोद में उठा कर
गोल गोल घुमा
सोफे पर बैठा दिया
और कहा
मां अब तुम आराम करो
मैं हूँ ना
मेरी नजर उसके जूतों पर गयी
अरे !
ये इतने बड़े कब हो गए?
... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
ReplyDelete