Monday, January 27, 2014

अनोखा सपना 

एक अनोखा सपना आया 
सपने में मैंने यह पाया 
चमत्कार हो गया था कोई 
पलट गयी थी देश की काया
चिकनी चुपड़ी सड़कें सारी
गड्ढों का हो गया सफाया
बिजली कभी नहीं जाती थी
चौबीस घंटे पानी आया
पढ़े लिखे और सभ्य सभी थे
करे न कोई वक़्त को जाया
खूब पेड़ थे स्वच्छ थी नदियां
सबने पर्यावरण बचाया
भ्रष्टाचारी ख़त्म हो गए
कहीं नहीं पैसे की माया
सच में नारी पूजी जाती
दुराचार की नहीं थी छाया
दंगे झगडे ख़त्म हो गए
रहा नहीं कोई भी पराया
सब समृद्ध थे खुश थे सब ही
रोग- गरीबी दूर भगाया
इतने में ही नींद खुल गयी
खुद को फिर बिस्तर पर पाया।

डॉ मंजुश्री गुप्ता

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