शिक्षक दिवस पर------
शिक्षक किसी भी समाज की रीढ़ की हड्डी होता है। वह भावी पीढ़ी का निर्माता और मील का पत्थर होता है।एक अच्छे शिक्षक के लिए उसके सभी छात्र छात्राएं एक सामान होते हैं। अपनी प्रेरणा और दृष्टि से वह प्रत्येक छात्र के भीतर से उसकी सर्वोत्तम क्षमता को तलाशने और बाहर लाने में सक्षम होता है। आज प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक में छात्रों का शिक्षकों के प्रति और शिक्षकों का छात्रों के प्रति सामान्य नजरिया अत्यंत दुखद है। उसके लिए कुछ हद तक संस्थात्मक कारण भी जिम्मेदार हैं जहाँ शिक्षक के शिक्षण कार्य को सर्वाधिक उपेक्षित किया जा रहा है. ऐसे समाज में छात्रों की गुणवत्ता में कमी होना लाजमी है। कहीं न कहीं कोर्स में शामिल विषय छात्रों व समय की आवश्यकता के अनुरूप नहीं हैं। आज शिक्षा के हर स्तर पर बड़े बदलाव की आवश्यकता है।
शिक्षक किसी भी समाज की रीढ़ की हड्डी होता है। वह भावी पीढ़ी का निर्माता और मील का पत्थर होता है।एक अच्छे शिक्षक के लिए उसके सभी छात्र छात्राएं एक सामान होते हैं। अपनी प्रेरणा और दृष्टि से वह प्रत्येक छात्र के भीतर से उसकी सर्वोत्तम क्षमता को तलाशने और बाहर लाने में सक्षम होता है। आज प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक में छात्रों का शिक्षकों के प्रति और शिक्षकों का छात्रों के प्रति सामान्य नजरिया अत्यंत दुखद है। उसके लिए कुछ हद तक संस्थात्मक कारण भी जिम्मेदार हैं जहाँ शिक्षक के शिक्षण कार्य को सर्वाधिक उपेक्षित किया जा रहा है. ऐसे समाज में छात्रों की गुणवत्ता में कमी होना लाजमी है। कहीं न कहीं कोर्स में शामिल विषय छात्रों व समय की आवश्यकता के अनुरूप नहीं हैं। आज शिक्षा के हर स्तर पर बड़े बदलाव की आवश्यकता है।
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