आओ टी वी सीरिअल बनाये
जनता को उल्लू बनायें
क का की की
कु कू के कै
को कौ कं कः......
क की बारहखड़ी में
किसी से भी शुरू करें
कोई भी नाम
अपने सीरियल का .
ले आयें एक अदद सास
और एक बहू
या कई सासें और कई बहुएँ
पहनाएं घर में
बनारसी साडी
सोने के भारी गहने
फिर शुरू करें जोड़ तोड़
छल प्रपंच
अफयेर मर्डर कास्मेटिक सर्जरी
मरे हुए आदमी को फिर से जिन्दा करें
दूसरे नाम के साथ
आधे घंटे के सीरिअल को स्पोंसर कराएँ
पंद्रह मिनट के विज्ञापन से
पैसे की झड़ी लगायें
हमारा काम और नाम
जरूर चल निकलेगा
क्योंकि जनता जनार्दन तो है
भोली भाली
सीरिअल के कलाकारों के
ग्लिसरीनी आंसुओं से द्रवित होने वाली
देखती ही रहेगी सीरियल को अनंत काल
और हम होते रहेंगे माला माल
कुछ नहीं कर सकते...सिवा इसके कि हम देखें नहीं..........
ReplyDelete:-)
मै नहीं देखती एक भी सीरियल........
सिवा संगीत/नृत्य पर आधारित छोड़ कर...
उफ़ मत पूछो टीवी सीरियल की ..घर में खूब तमाशा चलता है .....लडाई झगडे सीखने के बहुत बढ़िया माध्यम बने हुए हैं..
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति