मंजुश्री
Saturday, April 20, 2013
कई बार सभी को संतुष्ट करने की चेष्टा में व्यक्ति यह नहीं समझ पाता
कि
वह स्वयं क्या चाहता है?उसे स्वयं किस बात से ख़ुशी मिलती
है?सबकी दृष्टि में अच्छा बनने की चेष्टा में वह स्वयं खंड खंड हो कर रह जाता है
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